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सोमवार, 29 अगस्त 2011

कटनी से कटते हैं सागर और जबलपुर के रास्ते

जिस शहर का नाम जबलपुर है,उसके बारे में चार लाइनों में नहीं कहूँगा.वह शहर रामायण का 'परशुराम' है.धनुष तोड़ते देखेगा तो राम को भी नहीं बख्शेगा.हाँ,केवट-शबरी की प्यास देखेगा तो नर्मदा सागर लेकर खड़ा हो जायेगा. इसी पर बात करगे,अगली मोहलत पर.

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