शुरू में आपको लगेगा कि जबलपुर रूखे या क्रुद्ध लोगों का नगर है,लेकिन जल्दी ही आप यह जान जायेंगे कि यह खरे और बेबाक लोगों का ठिकाना है.नर्मदा नदी यहाँ दोहरे तेवर लेकर बहती है.एक तरफ ग्वारीघाट पर नदी का पाट चौड़ाई में गंगा से होड़ करता दीखता है तो भेड़ाघाट पर संगमरमरी चट्टानों ने इसे पतली नहर की चौड़ाई में बाँध दिया है.यहाँ जकड़न के कारण नर्मदा ने जो रौद्र रूप दिखाया है,उसके कारण यहाँ विश्व प्रसिद्द जल प्रपात बन गया है.
जबलपुर को न जाने क्यों,ऐसी छवि मिल गई है कि जिसके रंग तेज़ी से बदलते रहते हैं.
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