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I am a freelancer running 'Rahi Sahyog Sansthan', an NGO working towards the employment of rural youth in India

शनिवार, 6 अक्तूबर 2012

"डायरी-6"

   आज हलकी सी सर्दी थी। एक ऊँट-गाड़ी ने तीन चक्कर लगा कर आठ-दस कटे पेड़ों की लकड़ियों का ढेर एक बड़े दालान में लगा दिया, वहां बड़ी भट्टी में सुलगती आग पर खौलते पानी में कई तरह के परफ्यूम डाले गए। लगभग पंद्रह बाल्टी पानी लाकर गुसल में रखे टब  में डाला गया। सात-आठ युवतियों ने दो चक्कर लगा कर पानी भर दिया। वातावरण में भीनी सुगंध देर तक बसी रही। मैंने आज नहाने में कुछ ज्यादा वक्त लिया। करण उसी सरोवर में नहाया, जिसमें ठंडा पानी था। वह कहता है कि  उसके लिए गुनगुनी गर्मी से ज्यादा महत्वपूर्ण है कुछ देर तैरना।  

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