फिरोजपुर वैसे तो छोटा सा ही शहर है, लेकिन यहाँ लोगों की सक्रियता अच्छी लगती है. शायद इसका एक कारण यह भी है कि यहाँ से थोड़ी ही दूर भारत की सीमा का होना लोगों में यह भाव जगाये रखता है कि वे लोग देश के प्रहरी हैं.
मैंने 'मदर इंडिया' फिल्म वहीँ देखी.एक मित्र मिले जो मुझे देश की सीमा दिखाने भी ले गए.दरअसल यहाँ से सीमा पार करके जो देश है [पाकिस्तान] उस से हमारे रिश्ते अच्छे नहीं हैं ,इसी बात का असर यहाँ दीखता है. बेहद ठंडापन पसरा रहता है. वर्ना सीमाओं पर तो हलचल रहनी ही चाहिए. यह तो ऐसी जगह होती है जहाँ हर देश अपना 'बेहतर' देता है.कहते हैं कि जिनमे प्रेम ज्यादा होता है, उनमे जब दुश्मनी हो, तो वह भी गहरी होती है. फिर पाकिस्तान तो कभी हमारा ही हिस्सा रहा है. यह तो "सगे भाइयों" वाली दुश्मनी है. इसी ने फिरोजपुर के रंग और नूर भी छीन रखे हैं.
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