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शुक्रवार, 29 अप्रैल 2011

वाह, जो है ही नहीं, वो भी क्या खूब है?

यदि आप किसी शहर को ढूँढने निकलें और चारों तरफ देखने के बाद वह आपको कहीं दिखाई न दे, तो कृपया मायूस न हों.वहीँ खड़े-खड़े लोगों से पूछें कि राजसमन्द कहाँ है? आपको जवाब मिलेगा कि यहीं है. यह सब कुछ एक पहेली सा लग रहा है न ? पर सच यही है. राजसमन्द राजस्थान का एक मात्र ऐसा जिला है, जिसका नाम है कांकरोली. अर्थात यह कोई शहर नहीं बल्कि एक क्षेत्र है जिसका सबसे बड़ा शहर कांकरोली है. इस चमत्कार पर हैरान न हों क्योंकि इसी जिले में तो वह चमत्कारी 'श्रीनाथजी' का प्रसिद्द मंदिर है, जिसकी महिमा किसी चमत्कार से कम नहीं है. उदयपुर संभाग का यह अपेक्षाकृत नया जिला सुकून देने वाला है, क्योंकि यह सरकारी मदद पर नहीं पलता, बल्कि अपनी रोटी आप कमाता है. इसके बड़े क्षेत्र में कीमती खनिज-भंडार हैं. मिनरल-मार्बल-मार्ग इसे खूबसूरत और महत्वपूर्ण बनाते है. इसकी संस्कृति एक प्रकार से मेवाड़ और मारवाड़ की सम्मिलित संस्कृति है. यहाँ घूमने पर आपको किसी प्राचीन परंपरागत समाज के दर्शन नहीं होते बल्कि एक प्रगतिशील नया ज़माना अपनी झलक दिखलाता है. शायद यह एक सिद्ध सत्य ही है कि जब भी दो संस्कृतियाँ एक साथ मिल कर रहती हैं तो वे दकियानूसीपन से आसानी से उबर जाती हैं. यह जिला अपने गहरी आस्थाओं वाले मंदिरों के लिए भी जाना जाता है. इसे पाली-जोधपुर जैसे पश्चिमी जिलों से खूबसूरत पहाड़ियां अलग करती हैं.   

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