मुझे आश्चर्य हो रहा है, करण के माता-पिता, इकत्तीस साल से साथ हैं। उसके दादा छियासठ साल तक केवल उसकी दादी के साथ रहे। यहाँ सभी लोग एक बार विवाह होने के बाद, सारा जीवन उसी व्यक्ति के साथ रह लेते हैं, जिसके साथ उनकी शादी होती है। अनपढ़ भी, गरीब भी, व्यापारी भी, किसान भी।
मैं यह खोज करना चाहता हूँ, कि ये लोग जीवन साथी चुनते समय कौन सी बातें देखते हैं, क्या कोई ऐसी परीक्षा है, जिससे इतने खरे रिश्ते मिलें? ये लोग एक दूसरे को बिना देखे शादी कर लेते हैं, फिर भी इतना लम्बा समय साथ गुजारते हैं। मेरे एक मित्र के माता-पिता तो सात साल साथ रह कर जीवन साथी बने, और केवल पांच साल तक ही दोनों साथ रह पाए।
क्या किसी की सभी, सारी आदतें ऐसी हो सकती हैं, कि हम जीवन भर उसे पसंद करते रह सकें।हम केवल तस्वीरों से या दूसरों से सुन कर किसी के शरीर के बारे में इतना कैसे जान सकते हैं कि हमेशा उसे पसंद करते रह सकें?या शरीर की सम्बंधों में कोई भूमिका नहीं होती?
क्या परदे-घूंघट बातों को छिपाने के लिए हैं? क्या इन्हें इच्छाओं को मारना और शिकायत में मुंह न खोलना अच्छी तरह सिखा दिया जाता है। मैं जानना चाहता हूँ, ये जीते हैं या सहते हैं?
मैं यह खोज करना चाहता हूँ, कि ये लोग जीवन साथी चुनते समय कौन सी बातें देखते हैं, क्या कोई ऐसी परीक्षा है, जिससे इतने खरे रिश्ते मिलें? ये लोग एक दूसरे को बिना देखे शादी कर लेते हैं, फिर भी इतना लम्बा समय साथ गुजारते हैं। मेरे एक मित्र के माता-पिता तो सात साल साथ रह कर जीवन साथी बने, और केवल पांच साल तक ही दोनों साथ रह पाए।
क्या किसी की सभी, सारी आदतें ऐसी हो सकती हैं, कि हम जीवन भर उसे पसंद करते रह सकें।हम केवल तस्वीरों से या दूसरों से सुन कर किसी के शरीर के बारे में इतना कैसे जान सकते हैं कि हमेशा उसे पसंद करते रह सकें?या शरीर की सम्बंधों में कोई भूमिका नहीं होती?
क्या परदे-घूंघट बातों को छिपाने के लिए हैं? क्या इन्हें इच्छाओं को मारना और शिकायत में मुंह न खोलना अच्छी तरह सिखा दिया जाता है। मैं जानना चाहता हूँ, ये जीते हैं या सहते हैं?
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